जैन महोत्सव 20 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक सहारनपुर में इस वर्ष की गजरथ महोत्सव जैन शोभा यात्रा होगी टोली चौधरियांन की।

Hamare Sapne

संवाददाता - आचमन जैन 



जैन महोत्सव 20 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक सहारनपुर में इस वर्ष की गजरथ महोत्सव जैन शोभा यात्रा होगी टोली चौधरियांन की। 12 वर्ष बाद मिला टोली चौधरियांन को यह अवसर। 



6 दिवसीय शोभा यात्रा 20 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक होगी जैन समाज अध्यक्ष राजेश कुमार जैन की  घोषणा। जैन धर्मशाला अगले तीन महीने हो जाएगी शुरू उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी जैन धर्मशाला  होगी सहारनपुर में....राजेश जैन। 



जैन समाज रहे  एकजुट  नही कर सकता कोई उत्पीड़न ...राजेश जैन, जल्दी होगा उत्तर प्रदेश जैन समाज का सम्मेलन प्रांतीय कमेटी का होगा गठन ..राजेश जैन




नगर के सभी मंदिरों में प्रातःकाल से ही अद्भुत उमंग उत्साह के साथ अनंत चतुर्दशी, उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म और वासुपूज्य भगवान के मोक्ष कल्याणक की की पूजा आराधना की गयी,प्रातः काल से ही भक्तो के विशाल समूह  द्वारा श्री वासुपूज्य भगवान के कल्याणकारी-अतिशयकारी जिनबिम्बं पर मस्तकाभिषेक किया,उपस्थित श्रद्धालुओं ने करतल ध्वनि से और जय जयकार द्वारा अनुमोदना कर पुण्यार्जन किया,सांगानेर से आये प्रख्यात युवा विद्वान अभिषेक शास्त्री द्वारा अभिषेक शांतिधारा और पूजा करायी गयी। 



अनंत चतुर्दशी के महापर्व पर अध्यक्ष राजेश कुमार जैन ने समाज को बधाई देते हुए कहा सहारनपुर की धरा धर्म नगरी होने के साथ-साथ विद्वानों की भूमि है,इस पावन भूमि ने पूर्व में अनेक विद्वान उत्पन्न किये हैं, सिद्ध चक्र महा विधान,मेरी भावना, बारह भावना के रचयिता इसी धरा से उत्पन्न हुए हैं, पूर्वजो द्वारा दी गयी सैकड़ों वर्ष की इसी गौरव की परंपरा को आगे जारी रखते हुए, 25 दिगंबर जैन मंदिरों से सुशोभित यह नगरी उत्तरी भारत में एक विशिष्ट स्थान रखती है,मंदिरों के समुचित रखरखाव,निर्माण, संवर्धन कार्यों के लिए नगर में समाज की नौ टोलियां कार्यशील हैं, लेकिन शीर्ष समिति के रूप में दिगंबर जैन पचांन समिति ही कार्य करती है, इस प्रधान कमेटी के अध्यक्ष के रूप में अपने दायित्वो का सम्यक निर्वहन करते हुए,प्रभु के आशीर्वाद से मेरा प्रयास रहा है कि समाज एकजुट और संगठित होकर धर्म के कार्यो में लगा रहे, हर्ष का विषय है,कुछ समय पूर्व संपन्न हुए

राजेश जैन ने कहा कि जैन धर्मशाला का निर्माण जल्दी पूरा हो जाएगा यह उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी और सबसे भव्य धर्मशाला होगी उन्होंने सम्पूर्ण जैन समाज से अपील की वो एक जुट रहे कोई भी उनका उत्पीड़न नही कर सकता

श्री जैन ने कहा कि0 जल्दी उत्तर प्रदेश जैन समाज का सम्मेलन करने पर विचार किया जा रहा है विभिन्न जिलों के अध्यक्षों से वार्ता की जा रही है। 



पंचकल्याणक महोत्सव में समाज ने अपनी एकजुटता धर्मपरायणता और समर्पण भावो का परिचय दिया था, इस बार वार्षिक गजरथ यात्रा महोत्सव क्रमानुसार चौधरियाॅन टोली द्वारा संपन्न किये जायेगें,यह शोभा यात्रा 20अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक होगी वार्षिक गजरथ यात्रा महोत्सव सहारनपुर की आन,शान और बान है, श्रीजी की प्राणी मात्र के कल्याण के लिए निकलने वाली शोभा यात्रा को भव्य बनाने का दायित्व जैन समाज के प्रत्येक परिवार और सदस्य का है,सभी को तन मन धन से जुटना है, वर्ष में 363 दिन हम मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना और देव दर्शन करते हैं, गजरथ यात्रा के महोत्सव के दो दिवसो में प्रभु श्री 17 फुट के भव्य स्वर्णमयी रथ पर विराजमान होकर महानगर के मुख्य मार्गो से होकर गुजरते हैं, मार्ग में सभी धर्म और संप्रदायों को मानने वाले प्रभु की भक्ति कर अपना जन्म सफल करते हैं।


उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म पर राजेश कुमार जैन ने बताया कि अध्यात्म-मार्ग में ब्रह्मचर्य को सर्वश्रेष्ठ माना गया है,वास्तव में यह मोक्ष का सोपान है,इन्द्रिय विषयों में राग छोड़कर अपने आत्म-स्वरूप में रमण करना ही ब्रह्मचर्य है,इसे 'अणुव्रत' और 'महाव्रत' दोनों रूप से ग्रहण किया जाता है,उत्तम-ब्रह्मचर्य' तो  दिगम्बर मुनियों को ही होता है,श्रावक इसे अणुव्रत के रूप में ग्रहण करते है,जो श्रावक अपनी जाति-धर्म की,उच्च परिवार की सुशील कन्या से,समाज की साक्षी में पाणिग्रहण संस्कार करके विवाहिता में संतोष धारण करके उसके अतिरिक्त समस्त स्त्रियों में राग का त्याग करते हैं,वे ब्रह्मचर्य अणुव्रत के धारी होते हैं,जो स्त्री में माँ,बेटी और बहन मानकर इंद्रिय विषय का त्याग करते हैं,वे तीनों लोकों में पूज्यनीय होते हैं,वास्तव जिसका शील चरित्र सुरक्षित है, उसके सभी व्रत हितकारी हैं, जिसका शील सुरक्षित नहीं है, उसके संयम साधना तप निष्फल हैं, जीव दया,करुणा, सत्य,अहिंसा अचौर्य, सम्यग्दर्शन,ज्ञान सभी शील का परिवार के अगं है।





अध्यक्ष राजेश जैन ने श्रद्धालुओं के विशाल समुदाय को संबोधित करते हुए कहा आज घर से दूर हॉस्टलों में रहकर बालक बालिकाओं की  सहशिक्षा, बड़ी-बड़ी कंपनियों में युवक युवतियों का एक साथ घर से दूर महानगरों में कार्य करना ब्रह्मचर्य धर्म की मर्यादा के विपरीत है,युवक युुवतियों का विवाह से पूर्व Live in relationship में साथ रहना भारतीय संस्कृति और धर्म के विपरीत है, ऐसे वातावरण में माता-पिता का दायित्व बहुत अधिक बढ़ जाता है, समाज में बढ़ रहे कलह झगड़े,विसंगतियों,विसंवाद, विधिक मामलों का मुख्य कारण यही है, इस पर समाज और परिवार को सम्यक चिंतन करने की आवश्यकता है।




नगर के सभी मंदिरों में पूजा भक्ति आराधना में संरक्षक चंद्र जैन,कुलभूषण जैन,व्रती श्रावक सीए अनिल जैन,महामंत्री संजीव जैन,उपाध्यक्ष विपिन जैन,कोषाध्यक्ष अरुण जैन,उपमंत्री अविनाश नाटी,चौ.संदीप जैन,चौधरी अनुज जैन,चौधरी अजीत जैन,चौधरी अनिल जैन मंटू,उपचौधरी संदीप जैन, मंत्री राजीव जैन  टीटू रमेश चंद जैन आचमन जैन प्रभात जैन   भव्य  जैन अक्षत जैन सिद्धार्थ जैन धवल जैन पारस जैन नवीन जैन मनीष जैन,पुष्पेंद्र जैन,मनोज जैन,देवेंद्र जैन,मुकेश जैन, राजीव जैन मुकेश जैन आशीष जैन श्रवण जैन  विपीन जैन नवीन जैन राजा जैन,नितिन जैन,पंकज जैन,दीपक जैन,राकेश जैन अतुल जैन मिनी मयूर जैन अनुज जैन पार्षद रवि  सेन जैन पार्षद विवेक जैन ऋषभ जैन विनय जैन,रवि जैन, ,अजय जैन,श्रेयांश जैन, जैन,राजीव जैन,संजय जैन सहित सैकड़ो श्रावक श्राविकाएँ उपस्थित थे।

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