संवाददाता - अजीत सिंह
हरदोई में बढ़ रहा गला घोंटू बीमारी का प्रकोप इस साल हो चुकी 5 बच्चों की मौत, डॉक्टर बोल रहे इस बीमारी में मृत्यु दर की संख्या है अधिक, इलाज है कठिन।
हरदोई में गला घोंटू यानी डिप्थीरिया का संक्रमण फैलता जा रहा है। अब तक डिप्थीरिया के 79 केस संदिग्ध पाए गए थे, इसमें 16 में डिप्थीरिया संक्रमण की पुष्टि हुई है और 5 की मौत भी हो चुकी है।100 शैया संयुक्त चिकित्सालय के डिप्थीरिया वार्ड में 10 बच्चे भर्ती है, जिनका इलाज चल रहा है।बच्चों की मौत और डिप्थीरिया के संक्रमित केस मिलने से पांच साल में हुए टीकाकरण पर भी सवालियां निशान उठने लगे हैं।
चिकित्सक का कहना है कि इसका इलाज थोड़ा कठिन है, टीकाकरण ही एकमात्र बचाव का तरीका है, फिर भी जिन बच्चों को ज्यादा दिक्कत है। उनके गले में छेद कर सांस लेने का रास्ता बनाया जाता है। गला घोंटू यानी डिप्थीरिया ने जिले में तेजी से पांव पसारे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 79 केस संदिग्ध पाए गए हैं। इसमें 16 बच्चों में डिप्थीरिया की पुष्टि भी हुई है और इनमें से 5 की मौत भी हो चुकी है।
विकास खंड सुरसा के सहोरिया बुजुर्ग निवासी राजेश की कक्षा चार में पढ़ने वाली 11 वर्षीय पुत्री दीपांशी, मल्लावां के भवानीपुर निवासी राजेश के कक्षा दो में पढ़ने वाले 11 वर्षीय पुत्र आशु और संडीला के बीबीपुर गोगांवा उमराव निवासी वीरपाल का परिषदीय स्कूल में पढ़ने वाला छह वर्षीय पुत्र शिवा और टोडरपुर के भदेउनी में एक बच्चे की मौत डिप्थीरिया से होने की पुष्टि हुई है। डिप्थीरिया के संक्रमित केस और मृत्यु दर 20 प्रतिशत पहुंच गई है।
टीकाकरण ही बचाव -स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉक्टर पंकज मिश्रा ने बताया इसका एक बचाव सिर्फ टीकाकरण, 100 शय्या पर इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। महंगी दवाइयां भी यहां मुफ्त में उपलब्ध हैं।उन्होंने बताया कि इसके बचाव के लिए गर्भवती महिलाओ के 2 और नवजात के सप्ताह के अंतराल पर टीका लगता है, उस टीका से ही बचाव है। जिनके टीका नहीं लगा या एक दो लग कर ही छूट गए। उनके इस बीमारी से संक्रमित होने के चांस ज्यादा है।