संवाददाता-आचमन जैन
सहारनपुर राजस्थान के बागड़ के बाद सहारनपुर में श्री जाहरवीर गोगा महाराज की शान में देश का सबसे बड़ा मेला भरता है।
सहारनपुर राजस्थान के बागड़ के बाद सहारनपुर में श्री जाहरवीर गोगा महाराज की शान में देश का सबसे बड़ा मेला भरता है। बाबा जाहरवीर ने कबली भगत को यहां चांदी का नेजा दिया था। हर वर्ष हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी, राजस्थान, दिल्ली सहित अनेक जगहों से तीन से चार लाख श्रद्धालु निशान और प्रसाद चढ़ाने आते हैं।
महानगर से तीन किलोमीटर दूर गंगोह रोड पर बाबा श्री गोरखनाथ के शिष्य श्री जाहरवीर गोगा महाराज की म्हाड़ी है। भाद्रपक्ष में शुक्ल पक्ष की दशमी पर ऐतिहासिक मेला लगता है। इस बार 13 सितंबर को तीन दिवसीय मेला भरेगा। इससे 15 दिन पूर्व भाद्रपक्ष कृष्ण पक्ष दशमी को बाबा की प्रतीक चिह्न 26 छड़ियों का शृंगार हो गया है। मेले वाले दिन शहर के विभिन्न इलाकों से बैंडबाजों और ढोल नगाड़ों एवं नरसिंघा के साथ नेजे व सरदार छड़ी की अगुवाई में रंग-बिरंगी परिधान से सजी में 15 से 20 फिट ऊंची 26 छड़ियां बैंडबाजों के साथ म्हाड़ी की ओर प्रस्थान करेंगी।
इससे पूर्व अंबाला रोड स्थित श्री विश्रामपुरी काल भैरव मंदिर पर छड़ियों का पूजन होगा। फिर यहां से छड़ियां शाम के समय म्हाड़ी की ओर प्रस्थान कर जाएंगी। छड़ियों के पहुंचते ही बाबा श्री गुुरु गोरखनाथ और श्री जाहरवीर गोगा महाराज के जयकारे गूंज उठेंगे। 13 सितंबर को गंगोह रोड पर भव्य नजारा देखने को मिलेगा। तीसरे दिन छड़ियां म्हाड़ी से लौटेंगी।