ब्यूरो रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश का एक जिला ऐसा जहां दशहरे को नहीं होता है रावण दहन, जानें आखिर इसके पीछे का क्या है राज।
जहां पूरे देश में दशहरा को रावण दहन किया जाता है तो वही कन्नौज में दशहरा वाले दिन रावण दहन ना करके पूर्णिमा के दिन किया जाता है और यह ऐसे ही नहीं पूर्णिमा के दिन रावण दहन किया जाता है बल्कि इसके पीछे एक बहुत बड़ी मानता है।
बताते चलें कि सम्राट हर्ष की नगरी कन्नौज में शताब्दियों से रामलीला हो रही है लेकिन यहां पर रावण दहन दशहरा वाले दिन न होकर पूर्णिमा को किया जाता है जबकि पूरे देश में रावण दहन दशहरा वाले दिन ही किया जाता है कन्नौज के मनीषियों की माने तो रावण को तीर श्री राम ने दशहरा वाले दिन ही मारा था लेकिन उसके प्राण दशहरा वाले दिन ना निकल कर पूर्णिमा के दिन निकले थे जिसकी वजह से उसका अंतिम संस्कार पूर्णिमा को किया गया था जो की कन्नौज कान्यकुब्ज ब्राह्मणों की नगरी रहा है । ऐसे में सदियों से रावण का पुतला दहन कन्नौज में पूर्णिमा के दिन किया जाता है मनुष्य का कहना यह भी है की इसका वर्णन शिव पुराण में भी दिया गया है की रावण को तीर दशहरा वाले दिन श्री राम ने मारा था लेकिन उसके प्राण पूर्णिमा के दिन निकले थे। शिव पुराण में दिए गए वर्णन के अनुसार कन्नौज के लोग सदियों से पूर्णिमा के दिन रावण दहन करते हैं।