संवाददाता समीर खान
गाजियाबाद पुलिस भी हुई फर्जी बहरूपिया आईपीएस का शिकार, मामला देख रह जाएंगे हैरान।
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा एक ऐसे फर्जी आईपीएस को गिरफ्तार किया गया है जो लगातार अपने आप को 1979 बैच का मणिपुर केडर का आईपीएस बताते हुए लाइजनिंग का कार्य कर रहा था और अपने आप को डीजी पद पर रिटायर होने की बात भी अधिकारियों से करता था फिलहाल में केंद्रीय मंत्रालय में सलाहकार होने की बात कहता था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए गाजियाबाद के एडिशनल कमिश्नर दिनेश कुमार पी ने बताया कि यह पूरा प्रकरण गाजियाबाद के ट्रांस हिंडन से जुड़ा हुआ है जहां पर इंदिरापुरम थाना क्षेत्र में पुलिस के द्वारा दिल्ली में किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए थाने लाया गया जिसके बाद अनिल कात्यान नामक व्यक्ति ने अपने आप को फोन के द्वारा उच्च अधिकारियों को 1979 बैच का आईपीएस बताकर इस मामले को रफा दफा करना चाहा हालांकि गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर से भी यह फर्जी अनिल कात्यान नामक व्यक्ति रिटायर्ड आईपीएस के भेष में मिलने पहुंचा और गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा भी इस बहरूपिए को पहचान नहीं पाए और इसको सम्मान पूर्वक बाहर गाड़ी तक छोड़ने गए।
मामले में तुल जब पकड़ा जब गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में 1979 बैच के आईपीएस मणिपुर केडर की बारे में जानकारी जुटा गई तो ऐसा कोई भी आईपीएस पूरे भारत देश में नहीं होना पाया गया इसके बाद पुलिस में हड़कंप मचा और पुलिस के द्वारा डीसीपी ट्रांस हिंडन के पीआरओ ने साहिबाबाद थाने पर अनिल कात्यान नामक इस बहरूपिए की शिकायत दी गई ओर मुकदमा पंजीकृत किया गया
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए दिनेश कुमार पी के द्वारा दिल्ली निवासी इस फर्जी आईपीएस अनिल कात्यान के द्वारा अधिकारियों से की गई बातों की रिकॉर्डिंग को भी और अपने आप को रिटायर्ड डीजी आईपीएस अधिकारी बताने के व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट भी सार्वजनिक किए गए जिसमें अनिल कात्यान अपने आप को रिटायर्ड आईपीएस बताकर गाजियाबाद पुलिस पर रॉब गालिब करने का कार्य कर रहा था और इसकी एवज में वह आम जनमानस से मोटी रकम वसूल करता था
अनिल कात्यान ने पूछताछ से बताया कि वह आईपीएस की पढ़ाई तो पूरी कर चुका था मगर उसके परिवार ने उसको कभी भी चार्ज नहीं लेने दिया वहीं पुलिस पूछताछ में अनिल कात्यान ने अपने घर में और भी आईपीएस और आईएएस होने का दावा किया है दिनेश कुमार पी एडिशनल कमिश्नर ने बताया कि इसके कुछ साथी दुबई में जेल में बंद है जिनके लिए भी यह रॉब ग़ालिब करके फंडिंग जुटाने का कार्य कर रहा था
अब आप इस बात का अंदाजा लगा लीजिए कि यह फर्जी आईपीएस अनिल कात्यान इतने शातिर तरीके से अपने आप को प्रेजेंट करते थे जिससे कि कोई उन पर आसानी से शक ना कर पाए जब गाजियाबाद के उच्च अधिकारी एक ऐसे फर्जी बहरूपिया आईपीएस की बातों में आ गए तो आम जनता को यह खबर सतर्क करने वाली है कि आप भी फोन पर किसी आईपीएस आईएएस की बातों को यकीन ना करें पहले खुद भी इसकी जांच कर ले कि आखिर जो आपसे फोन में बात कर रहा है क्या वह व्यक्ति सही है या गलत है